नई दिल्ली. निर्भया केस के दोषियों के लिए दिल्ली की कोर्ट ने शुक्रवार को नया डेथ वॉरंट जारी कर दिया। इसके मुताबिक, चारों दोषियों को एक फरवरी सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया के गुनहगार मुकेश कुमार की दया याचिका खारिज कर दी थी। दोषी मुकेश ने यह याचिका मंगलवार शाम को राष्ट्रपति को भेजी थी। इस मामले में बाकी दोषी अगर दया याचिका नहीं लगाते हैं तो 14 दिन बाद चारों दुष्कर्मियों को फांसी दी जा सकती है। हालांकि, इसमें भी अभी कानूनी पेंच है, क्योंकि एक दोषी पवन अब वारदात के समय अपने नाबालिग होने की याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।
7 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी देने का डेथ वॉरंट जारी कर दिया था। इस पर दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि दया याचिका लंबित रहने तक किसी भी दोषी को फांसी नहीं दी जा सकती। इस बीच, दोषियों को फांसी में देरी पर निर्भया की मां आशा देवी ने पीड़ा जाहिर की। उन्होंने कहा- मेरी बच्ची की मौत के साथ लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है।
पवन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका कब दाखिल की?
पवन ने 18 दिसंबर 2019 को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। पवन ने कहा था कि वारदात के वक्त वह नाबालिग था। अगले दिन यानी 19 दिसंबर को हाईकोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी थी। दिल्ली की जिस अदालत में शुक्रवार को दुष्कर्मियों के डेथ वारंट पर सुनवाई हुई, उसी अदालत को दुष्कर्मी पवन के वकील ने बताया कि हमने 19 दिसंबर के दिल्ली हाईकोर्ट के पवन की याचिका खारिज करने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
दोषियों की फांसी के आड़े आने वाले पेंच क्या हैं?
1. अब पवन अपनी याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। इस पर फैसला होने तक फांसी हो पाना संभव नहीं है, क्योंकि निर्भया के मामले में 4 दोषियों को फांसी की सजा दी जानी है। दिल्ली प्रिजन मैनुअल के 837वें पॉइंट के मुताबिक, अगर एक ही मामले में एक से ज्यादा दोषियों को फांसी की सजा मिली है और इनमें से एक भी अपील करता है तो इस स्थिति में सभी दोषियों की फांसी पर तब तक रोक लगी रहेगी, जब तक अपील पर फैसला नहीं हो जाता।
2. दोषियों के वकील एपी सिंह ने न्यूज एजेंसी कहा, “अगस्त 2015 में दिल्ली की एक अदालत ने चारों दोषियों को लूट और अपहरण के मामले में 10 साल की सजा सुनाई थी। पवन, मुकेश, विनय और अक्षय को राम आधार से लूट और उसके अपहरण का दोषी पाया गया था। हमने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। जब तक हाईकोर्ट में इस अपील पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक निर्भया के दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकती।”
3. अगर निर्भया के बाकी तीन दोषियों में से कोई एक दोषी भी दया याचिका लगाता है तो फांसी टलती रहेगी। अगर बाकी तीनों दोषी दया याचिका नहीं लगाते हैं तो आज से 14 दिन बाद चारों को फांसी पर चढ़ाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी स्थिति में दोषियों के लिए 14 दिन का वक्त तय किया है, जो दोषियों को दोस्तों-रिश्तेदारों से मिलने और जरूरी कामों को निपटाने के लिए मिलता है।